सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित रूप से बलात्कार और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु डॉक्टर का नाम, फोटो और वीडियो सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़िता की पहचान का खुलासा करना निपुण सक्सेना मामले में पारित सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है, जिसमें पीड़िता को जांच से बचाने की आवश्यकता पर बल दिया गया था।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने सभी सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्लेटफॉर्म को निर्देश का पालन करने का आदेश दिया, “चूंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की बरामदगी के बाद शव की तस्वीरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया है, इसलिए यह अदालत निषेधाज्ञा जारी करने के लिए बाध्य है।”
पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं, वकील किन्नोरी घोष और अन्य द्वारा सोशल मीडिया पर प्रशिक्षु डॉक्टर की पहचान उजागर करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में कहा गया है कि पीड़िता का नाम और संबंधित हैशटैग फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (पूर्व में ट्विटर) सहित इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से फैलाए गए थे।
इससे पहले दिन में शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस बात से बेहद चिंतित है कि मृतक का नाम सोशल मीडिया पर प्रकाशित हो गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “फोटो और वीडियो क्लिप मीडिया में हर जगह हैं। यह बेहद चिंताजनक है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले पहले व्यक्ति हैं, लेकिन इसके लिए भी तय मापदंड हैं। निपुण सक्सेना (मामले) जैसे न्यायालय के फैसले हैं कि यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के नाम प्रकाशित नहीं किए जाएंगे।”
निपुण सक्सेना मामले में अपने 2018 के फैसले में, सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था, “कोई भी व्यक्ति प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया आदि में पीड़िता का नाम नहीं छाप सकता या प्रकाशित नहीं कर सकता, या यहां तक कि दूरस्थ तरीके से भी किसी भी तथ्य का खुलासा नहीं कर सकता, जिससे पीड़िता की पहचान हो सके और जिससे उसकी पहचान बड़े पैमाने पर जनता को पता चल सके।”
प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त को मिला था। बलात्कार-हत्या की घटना में कथित संलिप्तता के लिए कोलकाता पुलिस ने अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। सीबीआई फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है और उसका पॉलीग्राफ टेस्ट भी होने की संभावना है।