कोलकाता डॉक्टर बलात्कार-हत्या: कोलकाता के एक अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में जांचकर्ताओं ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जारी की है, जिसमें आरोपी संजय रॉय 9 अगस्त की मध्यरात्रि के तुरंत बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रवेश करते हुए दिखाई दे रहा है।
फुटेज में संदिग्ध के गले में ब्लूटूथ ईयरफोन देखा जा सकता है। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और ट्रेनी डॉक्टर के शव के पास मिले ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया, जिसे कॉलेज के सेमिनार हॉल में घुसते हुए देखा गया था, जहां शव मिला था।
संजय रॉय (33) 2019 में एक नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस में शामिल हुए। कोलकाता पुलिस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने कम से कम चार बार शादी की थी और एक जाने-माने “महिलावादी” थे।
आरोपी, जो एक प्रशिक्षित मुक्केबाज है, पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के करीब आ गया, जिसके बाद उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात कर दिया गया।
सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में संजय रॉय रात 1.03 बजे अस्पताल में दाखिल होते दिख रहे हैं, एनडीटीवी ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया। पूछताछ के दौरान पुलिस ने उन्हें सीसीटीवी कैमरे के सबूत दिखाए, जिसके बाद संजय रॉय ने कथित तौर पर अपराध स्वीकार कर लिया।
संजय रॉय पीड़िता को घूर रहा था
अस्पताल के चेस्ट वार्ड के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में 33 वर्षीय नागरिक स्वयंसेवक को पीड़िता और चार अन्य जूनियर डॉक्टरों पर बुरी नजर से देखते हुए दिखाया गया है।
अज्ञात सूत्रों ने न्यूज18 को बताया, “सीसीटीवी फुटेज में रॉय को उनकी ओर घूरते हुए देखा जा सकता है।”
पीड़िता 9 अगस्त को सुबह 1 बजे आराम करने के लिए सेमिनार हॉल में गई थी। सेमिनार हॉल में सुबह 2.30 बजे एक जूनियर डॉक्टर ने उससे बात की। बातचीत के बाद वह फिर से सो गई।
सुबह वह मृत पाई गई।
शुक्रवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत ने संजय रॉय पर पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति दे दी।
अदालत ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और चार अन्य डॉक्टरों पर झूठ पकड़ने वाला परीक्षण कराने की मंजूरी पहले ही दे दी है, जो 8-9 अगस्त की रात को अस्पताल में ड्यूटी पर थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दिल्ली स्थित केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञों की एक टीम यह परीक्षण करेगी।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) रॉय की डीएनए और मनोविश्लेषण रिपोर्ट का भी इंतजार कर रही है, जो उसकी जांच को आगे की दिशा देगी।
सीबीआई ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि स्थानीय पुलिस द्वारा स्नातकोत्तर चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के मामले को छिपाने का प्रयास किया गया था, क्योंकि जब संघीय एजेंसी ने जांच अपने हाथ में ली, तब तक अपराध स्थल बदल दिया गया था।
अस्पताल के सेमिनार हॉल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना से व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ है।
9 अगस्त की सुबह अस्पताल के वक्ष विभाग के सेमिनार हॉल में चिकित्सक का शव गंभीर चोटों के निशान के साथ मिला था। अगले दिन रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।
13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच को कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिसने 14 अगस्त को अपनी जांच शुरू की।